📚 Categories

No Such Category Found

×
विष के दाँत
विष के दाँत

            विष के दाँत (नलिन विलोचन शर्मा)


लेखक परिचय :- 

नलिन विलोचन शर्मा का जन्म 18 फरवरी 1916 को पटना के बदरघाट इलाके में हुआ था। वे मूलतः भोजपुरी भाषा-भाषी परिवार से संबंध रखते थे।
उनकी माता का नाम रत्नावती शर्मा था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पटना कॉलेजिएट स्कूल से प्राप्त की, और इसके बाद पटना विश्वविद्यालय से संस्कृत और हिंदी में एम.ए. की डिग्री हासिल की।
वर्ष 1959 में वे पटना विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष नियुक्त हुए।
उनका निधन 12 सितंबर 1961 को हुआ।
आलोचकों की मानें तो, प्रयोगवाद की वास्तविक शुरुआत नलिन विलोचन शर्मा की कविताओं से ही मानी जाती है।
यह कहानी 'विष के दाँत तथा अन्य कहानियाँ' नामक कहानी संग्रह से ली गई है।
यह कहानी मध्यम वर्ग के अनेक अंतर्विरोधो को उजागर करती है।


नलिन विलोचन शर्मा की प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित है :-
1. दृष्टिकोण
2. मानदंड
3. साहित्य का इतिहास दर्शन
4. साहित्य तत्व और आलोचना
5. संत परम्परा और साहित्य


1खोखा किन मामलों में अपवाद था?

उत्तर: खोखा का जन्म उस समय हुआ था जब सेन दंपती को इसकी कोई आशा नहीं थी। इस दृष्टि से वह जीवन की सामान्य प्रक्रिया से भिन्न, एक अपवाद था। सेन साहब की पाँचों बेटियाँ शांत और संयमी स्वभाव की थीं, जबकि खोखा जिद्दी और चंचल स्वभाव का था। इस प्रकार वह घर के स्वभाविक माहौल से भी एक अपवाद माना गया।

यदि आप इसे और सरल या साहित्यिक बनाना चाहें, तो बताइए|


2. काशू और मदन में झगड़ा क्यों हुआ था? इस घटना के ज़रिए लेखक क्या बताना चाहता है?

उत्तर: जब मदन लट्टू चला रहा था, तब काशू ने उससे ज़ोर देकर लट्टू माँगा। मदन ने लट्टू देने से साफ़ इनकार कर दिया। इसी बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हो गया। इस घटना के माध्यम से लेखक यह समझाना चाहता है कि बड़ों का रौब और दबदबा आमतौर पर केवल वयस्कों को प्रभावित करता है, बच्चों पर इसका कोई खास असर नहीं होता।

3. आपकी दृष्टि में 'विष के दांत' शीर्षक कहानी का नायक कौन है ? तर्कपूर्ण उत्तर दें। क्यों ? 

उत्तर :- किसी भी कहानी का नायक वह होता है जिसके इर्द-गिर्द कहानी घूमती है, और जो पूरी कहानी में शुरु से अंत तक छाया रहता है तथा अतंतः उसकी ही जीत होती है
इस कहानी का नायक मदन है क्योंकि वह किसी से डरता नहीं है और सेन साहब के बेटे खोखा को पीटकर उसके दो-दो दाँत तोड़ देता है। उसके पिता गिरधर लाल भी दंडित करने के बजाय उसे अपनी छाती से लगा लेता है। इस प्रकार मदन की जीत होती है।


4. मदन हक्का-बक्का क्यों रह गया ? 
उत्तर :- मदन अक्सर अपने पिता के हाथों पिटता था, लेकिन जब उसके पिता ने उसे प्यार से अपने गोद में उठा लिया तो पिता के इस स्वभाव परिवर्तन पर मदन हक्का-बक्का रह गया।


5. ‘विष के दाँत’ नामक कहानी का शीर्षक किस प्रकार उपयुक्त है, स्पष्ट कीजिए।

उत्तर :- 'विष के दाँत' शीर्षक कहानी मध्यम वर्ग के अन्तर्विरोधों को उजागर करती है । सेन साहब अमीर परिवार से ताल्लुक रखते हैं, तो गिरधर लाल गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। सेन साहब के परिवार में लड़के और लड़कियों के बीच भेद-भाव होता है। सेन साहब का बेटा खोखा और गिरधर लाल का बेटा मदन के बीच लड़ाई होती है, तो मदन के द्वारा खोखा के दो-दो दाँत तोड़ दिए जाते हैं। इस प्रकार 'विष के दाँत' शीर्षक कहानी सार्थक है।


6. सेन साहब के परिवार में बच्चों के लालन-पालन के समय किए जा रहे लिंग आधारित भेदभाव का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए |

उत्तर: सेन साहब के परिवार में बच्चों के पालन-पोषण के दौरान लड़के और लड़कियों के बीच स्पष्ट रूप से लिंग आधारित भेद-भाव देखा जाता है। जहाँ बेटियों को शांत, विनम्र और मर्यादित रहने की शिक्षा दी जाती है, वहीं बेटे पर किसी प्रकार की पाबंदी नहीं है। बेटियों को मोटर गाड़ी के पास जाने तक की अनुमति नहीं दी जाती, जबकि बेटा ‘खोखा’ गाड़ी से बार-बार छेड़छाड़ करता रहता है, और कोई उसे रोकता नहीं।


7. सेन दंपती खोखा में किस प्रकार की संभावनाएँ देखते थे, और उन संभावनाओं को साकार करने हेतु उन्होंने उसकी शिक्षा की योजना किस प्रकार बनाई थी?
उत्तर :- सेन दंपती खोखा में इंजीनियर बनने की संभावनाएँ देखते थे और उन संभावनाओं के लिए उन्होंने अपने कारखाने के बढ़ई-मिस्त्री को प्रतिदिन एक-दो घंटे खोखा के साथ लगा दिए ताकि खोखा अभी से औजार चलाने का काम सीख जाए।


8.सेन साहब और उनके साथियों के बीच किस विषय पर बातचीत हुई, और पत्रकार मित्र ने क्या उत्तर दिया?"

उत्तर: सेन साहब ने आत्मविश्वास के साथ कहा, "मेरा बेटा बड़ा होकर ज़रूर इंजीनियर बनेगा।"
इस पर उनके पत्रकार मित्र ने मुस्कुराते हुए शांत लहजे में उत्तर दिया, "मेरा बेटा जो भी बनना चाहे, वही बने। मैं उसे उसकी मंज़िल खुद तय करने की पूरी आज़ादी दूँगा। मेरे लिए सबसे ज़रूरी बात यह है कि वह एक अच्छा इंसान और जिम्मेदार नागरिक

9. मदन और ड्राइवर के बीच हुए विवाद के माध्यम से कहानीकार क्या संदेश देना चाहता है?

उत्तर:मदन और ड्राइवर के टकराव के माध्यम से लेखक यह संदेश देना चाहता है कि समाज में ऊँच-नीच और वर्गभेद की भावना कितनी गहरी है। जैसे अमीर लोग कई बार कठोर और असंवेदनशील हो सकते हैं, वैसे ही उनके अधीन काम करने वाले लोग भी उसी तरह का व्यवहार अपनाने लगते हैं। ड्राइवर अपने मालिक काशू द्वारा गाड़ी खराब कर देने पर शांत रहता है, लेकिन जब एक आम आदमी मदन गाड़ी के पास आता है, तो वह उसे बेअदबी से दूर धक्का दे देता है। यह घटना समाज में व्याप्त अमानवीयता और भेदभाव को उजागर करती है।

10.गिरधर, जो रोज़ अपने बेटे मदन को पीटता था, वही जब काशू ने मदन की पिटाई की, तो उसे दंड देने की बजाय गले क्यों लगा लेता है?
उत्तर :- गिरधर 'लाल मजबूरी में सेन साहब के रौब-दाब से भयभीत रहता था, स्वाभाविक स्वेच्छा से नहीं। सेन साहब ने गिरधर लाल को नौकरी के साथ-साथ रहने के लिए मकान भी दिया था । परंतु जब मदन काशू की पिटाई कर देता है और गिरधर लाल को नौकरी से बाहर निकाल दिया जाता है तब गिरधर लाल का आत्मस्वाभिमान जाग जाता है। वह अपने बेटे मदन की पिटाई करने के बजाय अपनी छाती से लगा लेता है।