> साँवर दइया राजस्थानी भाषा के एक प्रमुख कहानीकार है। > प्रस्तुत कहानी 'समकालीन भारतीय साहित्य' (अप्रैल-जून 1983 ई०) से यहाँ साभार संकलित है। > इस कहानी का राजस्थानी से हिंदी में अनुवाद कहानीकार ने स्वयं किया है।
प्रश्न उत्तर :-
1.सीता को अपने घर में घुटन क्यों महसूस होती है ? उत्तर :- सीता का भरा-पूरा परिवार था। लेकिन उसे किसी से भी अपनापन का प्यार नहीं मिलता था। सभी लोग उसे भार स्वरूप समझते थे । अतः सीता को अपने ही घर में घुटन महसूस होती है।
2.सीता की स्थिति बच्चों के किस खेल से मिलती-जुलती थी ? उत्तर :- सीता की स्थिति बच्चों के 'माई-माई रोटी दे' वाले खेल से मिलती जुलती थी ।
3. सीता को किस दिन लगा कि 'लापसी' बिल्कुल फीकी है ? लापसी खाते समय उसे कैसा महसूस हुआ ? उत्तर :- सीता को 'नाहरसिंह जी वाले दिन' लगा कि लापसी बिल्कुल फीकी है। लापसी खाते समय उसे महसूस हुआ कि कौर गले में अटक रहा है।