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हमारी नींद
हमारी नींद

हमारी नींद (वीरेन डंगवाल)


कवि परिचय :-


> जन्म :- 5 अगस्त 1947 ई०
> जन्म-स्थान :- कीर्तिनगर, टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड
> निधन :- 28 सितंबर 2015
> मुजफ्फरनगर,सहारनपुर,कानपुर,बरेली, नैनीताल में शुरुआती शिक्षा प्राप्त करने के बाद वीरेन डंगवाल इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम. ए.        किया और यहीं से आधुनिक हिन्दी कविता पर डी. लिट्. की उपाधि पायी ।
> वे 1971 ई० से बरेली कॉलेज में अध्यापन करते रहे।
> उन्होंने इलाहाबाद से प्रकाशित 'अमृत प्रभात' में कुछ वर्षों तक 'घूमता आईना' शीर्षक से स्तंभ लेखन भी किया।
> वे दैनिक 'अमर उजाला' के संपादकीय सलाहकार भी है।
> वीरेन डंगवाल का पहला कविता संग्रह 'इसी दुनिया में' 1991 में प्रकाशित हुई।
> प्रस्तुत कविता 'हमारी नींद' वीरेन डंगवाल की कविताओं का संकलन 'दुष्चक्र में स्त्रष्टा' से संकलित है।
> वीरेन डंगवाल को 'दुष्चक्र में स्त्रष्टा' पर साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा 'इसी दुनिया में' पर रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार मिला ।
> उन्हें श्रीकांत वर्मा स्मृति पुरस्कार और कविता के लिए शमशेर सम्मान भी प्राप्त हो चुका है।
> वीरेन डंगवाल ने तुर्की के महाकवि नाजिम हिकमत की कविताओ का अनुवाद 'पहल पुस्तिका' के रूप में किया।

प्रश्न उत्तर :-

1. कवि वीरेन गवाल के अनुसार धमाके से कहाँ देवी जागरण हुआ ? 
उत्तर :- कवि वीरेन डंगवाल के अनुसार गरीब बस्तियों में धमाके से देवी जागरण हुआ ।

2. कवि वीरेन डंगवाल किन अत्याचारियों का और क्यों जिक्र करता है ? 
उत्तर :- कवि समाज के वैसे वर्ग को अत्याचारी कहा है जिनके पास सुख-सुविधा की सारी सामग्री मौजूद होने के बाद भी गरीब जनता का शोषण करना, नहीं भूलते हैं। ऐसा कहकर कवि देश के बड़े-बड़े नेताओं, पदाधिकारियों की ओर संकेत किया है।

3. 'हमारी नींद' शीर्षक कविता किस कविता संकलन से ली गई है ?
उत्तर :- हमारी नींद शीर्षक कविता दुष्चक्र में स्त्रष्टा कविता संकलन से ली गई है।

4. 'हमारी नींद' कविता किस प्रकार के जीवन का चित्रण करती है ?
उत्तर :- हमारी नींद कविता हमारे आलस्य और लापरवाह जीवन का चित्रण करती है। इस कविता में कवि कहते है कि हमारी सिर्फ आँखे खुली हुई है, लेकिन हम नींद में है। हम अपने स्वभाव में परिवर्तन लाना नहीं चाहते है। हमें अच्छे-बुरे, सही-गलत की परख नहीं है।

5. कविता के प्रथम अनुच्छेद में कवि एक बिंब की रचना करता है । उसे स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर :- कविता के प्रथम अनुच्छेद में कवि एक बिंब की रचना करता है। जिस प्रकार एक बीज मिट्टी, हवा और पानी के संपर्क में आकर पौधा बन जाता है, ठीक उसी प्रकार मनुष्य कठिनाइयों से लड़कर सफलता पाता है।

6. मक्खी के जीवन क्रम का कवि द्वारा उल्लेख किए जाने का क्या आशय है ?
उत्तर :- कवि गरीब व्यक्तियों के जीवन की तुलना मक्खी के जीवन से किए हैं। जिस प्रकार एक मक्खी का जीवन अल्पकालीन होता है ठीक उसी प्रकार गरीब व्यक्तियों का जीवन भी अल्पकालीन होता है। कुछ गरीब तो अपनी गरीबी के कारण दम तोड़ देते हैं तो कुछ गरीब अत्याचारियों के विरुद्ध आवाज उठाने में दंगे, आगजनी तथा बमबारी में मारे जाते हैं।

7.कवि वीरेन डंगवाल गरीब बस्तियों का क्यों उल्लेख करता है?
उत्तर :- कवि गरीब बस्तियों का उल्लेख करता है क्योंकि गरीब बस्तियों में गरीब लोग रहते हैं जो अपनी बस्तियों में देवी का जागरण बड़े धूम-धाम से करते हैं। लेकिन अपनी स्थिति को बदलने के लिए वे कुछ करना नहीं चाहते हैं। यह उनके आलस्य का प्रतीक है।

8. इंकार करना न भूलने वाले कौन है ? कवि का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :- इंकार करना न भूलने वाले समाज के वैसे लोग है जो कभी भी अपने स्वभाव में परिवर्तन लाना नहीं चाहते है। अपनी स्थिति में सुधार लाने के लिए कुछ करना नहीं चाहते हैं।

9. कविता के शीर्षक की सार्थकता पर विचार किजिए।
उत्तर :- हमारी नींद कविता का शीर्षक सार्थक है। जीवन में घटने वाली सारी घटनाएँ हमारी नींद के दौरान ही होती है। इसके अतिरिक्त हमलोग अपने स्वभाव में कभी परिवर्तन लाना नहीं चाहते हैं अर्थात् हमारी सिर्फ आँखे खुली हुई है लेकिन हम नींद में हैं। अच्छे-बुरे, सही-गलत की परख हमें नहीं है।