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मछली (कहानी) विनोद कुमार शुक्ल
लेखक परिचय :-
> जन्म :- 1 जनवरी 1937 ई०
> जन्म-स्थान :- राजनांदगाँव, छत्तीसगढ़
> उन्होंने वृत्ति के रूप में प्राध्यापन को अपनाया।
> वे इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर थे।
> उनके अन्य कविता संग्रह है- वह आदमी नया गरम कोट पहिनकर चला गया विचार की तरह, सबकुछ होना बचा रहेगा और अतिरिक्त नहीं।
उनके तीन उपन्यास है - नौकर की कमीज, खिलेगा तो देखेंगे और दीवार में एक खिड़की रहती थी ।
> उनके दो कहानी संग्रह है - पेड़ पर कमरा और महाविद्यालय।
> इतालवी भाषा में उनकी कविताओं एवं एक कहानी संग्रह 'पेड़ पर कमरा' का अनुवाद हुआ है।
> 'नौकर की कमीज' उपन्यास पर मणि कौल द्वारा फिल्म का भी निर्माण हुआ है।
> विनोद कुमार शुक्ल को 1992 में रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार, 1997 में दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान और 1990 में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हो चुका है।
> प्रस्तुत कहानी 'मछली' कहानियों के उनके संकलन 'महाविद्यालय' से ली गई है।
प्रश्न उत्तर :-
1. मछली और दीदी में क्या समानता दिखलाई पड़ी ? स्पष्ट करे
उत्तर :- मछली और दीदी दोनों क्रूरता के शिकार थे। मछली पत्थर पर पटकी जा रही थी, तो दीदी पिताजी के द्वारा पीटी जा रही थी। मछली जल के बिना तड़प रही थी, तो दीदी पिता जी के दुर्व्यवहार के कारण सिसक-सिसक कर रो रही थी। मछली और दीदी में यही समानता दिखाई पड़ी।
2.संतू मछली लेकर क्यों भागा ?
उत्तर :- संतू एक मछली को कुएँ में पालना चाहता था, उसे बड़ी कर उसके साथ खेलना चाहता था। इसलिए कुएँ में डालने के लिए संतू मछली लेकर भागा ।
3. झोले में मछलियाँ लेकर बच्चे दोड़ते हुए पतली गली में क्यों घुस गए ?
उत्तर :- झोले में मछलियाँ लेकर बच्चे दौड़ते हुए पतली गली में इसलिए घुस गए क्योंकि इस गली से घर नजदीक पड़ता था । अन्य रास्तों में काफी भीड़ थी।
4. मछलियों को लेकर बच्चों की अभिलाषा क्या थी ?
उत्तर :- मछलियों को लेकर बच्चों की अभिलापा थी कि एक मछली पिता जी से मांग कर, उसे कुएँ में डालकर बहुत बड़ी करेंगे। जब मन होगा, बाल्टी से निकालकर उसके साथ खेलगें । पुनः कुएँ में डाल देंगे ।
5. मछलियाँ लिए घर आने के बाद बच्चों ने क्या किया ?
उत्तर :- मछलियाँ लिए घर आने के बाद बच्चों ने नहानघर का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। पानी से आधी भरी हुई बाल्टी
में तीनों मछलियों को डाल दिया। अपने गीले कपड़े निचोड़कर बाल्टी को घेर कर बैठ गए।
6.मछली को छूते हुए संतू क्यों हिचक रहा था ?
उत्तर :- मछली को छूने में संतू को डर लग रहा था इसलिए मछली को छूते हुए संतू हिचक रहा था।
7.मछली के बारे में दीदी ने क्या जानकारी दी थी ? बच्चों ने उसकी परख कैसे की ?
उत्तर :- मछली के बारे में दीदी ने जानकारी दी थी कि मरी मछली की आँखों में परछाई नहीं दिखाई देती है।
इस बात की पुष्टि के लिए लेखक ने संतू को मरी मछली की आँखों में झांकने के लिए कहा, तो संतू को कुछ भी दिखाई नहीं दिया तब लेखक स्वयं झांका तो उसे धुंधली-धुंधली परछाई दिखाई दी। इस प्रकार बच्चों ने उसकी परख की।
8.संतू क्यों उदास हो गया ?
उत्तर :- जब संतू को लेखक से पता चला कि मछली आज ही कट जाएगी तो संतू उदास हो गया ।
9.घर में मछली कौन खाता था और वह कैसे बनायी जाती थी?
उत्तर :- घर में मछली केवल लेखक के पिता जी खाते थे । मछली बनाने के लिए घर में एक अलग से पाटा था जिसपर रखकर मछली काटी जाती थी । घर का नौकर भग्गू मछली बनाता था।
10. दीदी कहाँ थी और क्या कर रही थी ?
उत्तर :- दीदी अपने कमरे में लेटी हुई थी और सिसक-सिसक कर रो रही थी।
11. अरे-अरे कहता हुआ भग्गू किसके पीछे भागा और क्यों ?
उत्तर :- अरे-अरे कहता हुआ भग्गू संतू के पीछे भागा क्योंकि वह एक मछली उठाकर भाग गया था और भग्गू को डर लग रहा था कि कहीं मछली कुएँ में न डाल दें
12. पिताजी किससे नाराज थे और क्यों ?
उत्तर :- पिताजी नरेन से नाराज थे क्योंकि वह दीदी का प्रेमी था।