इनके पिता श्यामनंदन किशोर हिंदी के गीतकार एवं बिहार विश्वविद्यालय,मुजफ्फरपुर में हिंदी विभाग के अध्यक्ष थे ।
अनामिका ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में एम.ए. किया और वहीं से पी.एच.डी. की उपाधि पायी।
सम्प्रति, वे सत्यवती कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में प्राध्यापिका है।
प्रस्तुत कविता अक्षर-ज्ञान 'कवि ने कहा' से लिया गया है।
अनामिका को राष्ट्रभाषा परिषद् पुरस्कार, भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार, गिरिजा कुमार माथुर पुरस्कार, ऋतुराज साहित्यकार सम्मान आदि प्राप्त हो चुके हैं।
अनामिका हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में लिखती है।
उनकी रचनाएँ निम्नलिखित है -
गलत पते की चिट्ठी, बीजाक्षर, अनुष्टुप, पोस्ट एलिएट पोएट्री, स्त्रीत्व का मानचित्र, कहती है औरतें इत्यादि ।
प्रश्न उत्तर :-
1. 'अक्षर ज्ञान' शीर्षक कविता में 'क' का विवरण स्पष्ट कीजिए । उत्तर :- 'क' व्यंजन वर्ण का पहला वर्ण है जिसका उच्चारण 'कंठ' से होता है। इसलिए बच्चों को उच्चारण करने में कठिनाई महसूस होती है। उसी प्रकार यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में लक्ष्य प्राप्त करना चाहता है तो उसे भी अपने जीवन में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।
2. खालिख बेचैनी किसकी है? बेचैनी का क्या अभिप्राय है ? उत्तर :- खालिस बेचैनी खरगोश की है। जब कोई व्यक्ति अपने जीवन में लक्ष्य को प्राप्त करना चाहता है परंतु किसी कारण वश वह लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाता है। तब वह उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए खरगोश की तरह बेचैन हो जाता है।
3. बेटे के लिए 'ड़' क्या है और क्यों ? उत्तर :- जब माँ अपने बेटे को गोद में बिठाकर 'ड' वर्ण सिखाना शुरू करती है तो बेटा 'ड' को माँ और उसके बगल के बिंदु को माँ की गोद में बैठा हुआ बेटा मान लेता है। ये दोनों माँ और बेटे सृष्टि के विकास की कथा कहते हैं।
4. बेटे के आँसू कब आते हैं और क्यों ? उत्तर :- जब माँ अपने बेटे को गोद में बिठाकर 'ड' वर्ण सिखाना शुरू करती है तो बेटा 'ड' वर्ण सीख नहीं पाता है। ऐसी स्थिति में बच्चों की आँखों से आँसू आ जाते हैं। तात्पर्य यह है कि जब कोई व्यक्ति अपने जीवन में लक्ष्य प्राप्त करना चाहता है परंतु वह अपने लक्ष्य-पथ से हट जाता है और असफल हो जाता है। ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति की आँखों से आँसू निकल आता है।
5. व्याख्या करें। (गमले-सा टूटता हुआ उसका 'ग', घड़े-सा लुढकता हुआ उसका 'घ') उत्तर :- प्रस्तुत पंक्तियाँ अनामिका द्वारा रचित 'अक्षर ज्ञान' नामक शीर्षक कविता से लिया गया है। प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से कवयित्री कहती है कि व्यक्ति का मन इधर-उधर भटकने लगता है तो वह अपने लक्ष्य पथ से हट जाता है और असफल हो जाता है।
6. कविता में तीन उपस्थितियाँ है। स्पष्ट करें कि वे कौन-कौन सी है? उत्तर :- प्रस्तुत कविता 'अक्षर ज्ञान' को तीन भागों में बाँटा गया है। ये तीनों भाग जीवन की सत्यता को बतलाते हैं। पहले भाग में बच्चों के अक्षर-ज्ञान की चर्चा है। दूसरे भाग में जीवन के उतार-चढ़ाव का वर्णन है और तीसरा भाग सृष्टि के विकास की कथा कहती है।